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Channel: आलेख – MithilaConnect Local
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कैसा पड़ेगा मकर संक्रान्ति 2017 का आपकी राशि पर प्रभाव !

वर्ष 2017  में मकर संक्रांति १४ जनवरी शनिवार के दिन मनाया जाएगा | सूर्य के मकर राशि आने के परिणाम स्वरूप  भ्रष्टाचार , अपराध , राजनितिक उथल-पुथल में वृद्धि होगी | शनि सूर्य को अपना शत्रु मानते हैं ,...

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मिथिला की पांच विख्यात महिलाये जिनका पुस्तकों में होता हैं उल्लेख

मिथिला की कुछ स्त्रियों का प्राचीन ग्रंथों और इतिहास की पुस्तकों में अक्सर नाम उल्लेखित रहता है | इन स्त्रियों ने  अपने ज्ञान से न केवल मिथिला अपितु संपूर्ण भारतवर्ष का नाम इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में...

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क्यों वर्जित होतें हैं शुभ कार्य खरमास काल में

हिन्दू पंचांग एवं वैदिक ज्योतिष की गणना के अनुसार एक ही राशि में एक महीना तक सूर्य का रहना अर्थात जब सूर्य के १२ राशियों का भ्रमण करते हुए वृहस्पति , धनु और मीन राशियों में पहुँचते हैं तो इस दिन से...

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इसलिए इतनी महवपूर्ण हैं अभीष्टफल दायिनी महाशिवरात्रि

शिवरात्रि शिव को बहुत ही प्रिय है जिस कारण इसे शिव रात्रि कहा जता है | इस दिन महादेव करोड़ों सूर्य के सामान प्रभाव वाले लिंग रूप में प्रकट हुए  | सर्वप्रथम भगवान विष्णु और ब्रम्हा ने इस लिंग की पूजा की...

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मॉडर्न-क्लासिक मैथिलि साहित्य की 5 बड़ी हस्तियाँ

सन १८३० के बाद का दौर मॉडर्न मैथिलि लिटरेचर की शुरुआत मानी जा सकती है | इस अंतराल में मैथिलि साहित्य जगत में अनेको मैथिलि साहित्य रत्न पैदा हुए जिनमे बिनोद बिहारी वर्मा , सुरेन्द्र झा सुमन आदि थे |...

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मधु-श्रावणी हैं मिथिला में नव वर-वधु का पर्व

मिथिलांचल में , मैथिल ब्राम्हण परिवार कि नव-विबाहित कन्यायें अपने पति के साथ मधुश्रावणी पर्व मनाती हैं | इस दिन नव विवाहित दम्पति एकसाथ नाग देवता कि पूजा करते हैं | १३ दिन का यह अनुष्ठान श्रावण माह के...

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पटना का दरभंगा हाउस क्यों है बेहद ख़ास !

पटना दरभंगा हाउस राज काल के धरोहरों में से एक है जिसका पुराना नाम बांकीपुर पैलेस है | गंगा किनारे स्थित यह पैलेस  दरभंगा राज को सत्ता मिलने से लेकर इसे गंवाने तक का इतिहास संजोये हुए है | आइये दरभंगा...

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तैरते जहाज जैसा हैं भागलपुर का अजगैवीनाथ महादेव मंदिर !

सुल्तानगंज प्राचीन काल का एक स्थान है | जो भागलपुर से २६ कि०मी० पश्चिम में स्थित है  | यहाँ उत्तरायनी गंगा बहती हैं | गंगा नदी के बीच ग्रेनटिक पत्थर की चट्टान पर अजगैबीनाथ महादेव की मंदिर स्थित है |...

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मधुबनी में है मिथिला का प्रसिद्द प्रबल-सिद्धपीठ भगवती स्थान उचैठ

भगवती स्थान उचैठ  मधुबनी जिला के बेनीपट्टी अनुमंडल से मात्र ४ किलोमीटर की दुरी पर पश्चिम दिशा की ओर स्थित है|  यह स्थान मिथिला में एक प्रसिद्द  सिद्धपीठ के नाम से जाना जाता है | भगवती मन्दिर के गर्भगृह...

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मिथिला में यह देवी आज भी करती है राजा के छुपे हुए खजाने की रक्षा !

१२३४ ई० से लेकर १२९३ई० तक बंगाल में सेन राजवंश का शासन था | किन्तु जब वहां देवा राजवंश की स्थापना हुई तो सेन राज वंश  के वारिश वहां से पलायन कर मिथिला आ गए | कैसे आया खज़ाना ! सेन वंश के एक शासक रत्नसेन...

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मधुबनी में है मिथिला का प्रसिद्द प्रबल-सिद्धपीठ भगवती स्थान उचैठ

भगवती स्थान उचैठ  मधुबनी जिला के बेनीपट्टी अनुमंडल से मात्र ४ किलोमीटर की दुरी पर पश्चिम दिशा की ओर स्थित है|  यह स्थान मिथिला में एक प्रसिद्द  सिद्धपीठ के नाम से जाना जाता है | भगवती मन्दिर के गर्भगृह...

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‘गंगा नदी से भी ज्यादा पवित्र ‘गया के फल्गु नदी पर छाया अस्तित्व का संकट

गया शहर के पूर्वी छोर पर पवित्र फल्गु नदी बहती है. तकरीबन पूरे साल ही लोग अपने पूर्वजों के लिए मोक्ष की कामना लेकर यहां पहुंचते हैं और फल्गु नदी के तट पर पिंडदान और तर्पण करते हैं. पितृपक्ष के दौरान...

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एक कहानी दरभंगा के दुल्हिनियाँ पोखर की !

दरभंगा राज की जितने भी तालाब हैं उसमे से लक्ष्मीसागर साधुगाछी स्थित एक ऐतिहासिक तालाब है , जिसे स्थानीय लोग दुल्हिनियाँ पोखर के नाम से जानते हैं | दरभंगा महाराज सर रामेश्वर सिंह ने इस तालाब की खुदाई...

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शंकराचार्य से शास्त्रार्थ करने वाले मण्डन मिश्र कौन थे !

मण्डन मिश्र  को इतिहास  एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जानता हैं जिन्होंने ने शंकराचार्य  को शास्त्रार्थ में तगड़ी टक्कर दी थी | उनकी पत्नी भारती ने तो शंकराचार्य  शास्त्रार्थ में को हरा भी दिया था | मण्डन...

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क्या विलुप्त हो जायेगा मिथिला में जुड़शीतल पर्व ?

मिथिला में जुड़शीतल पर्व बैशाख की पहली तिथि को मनाया जाता है। इसे बासी पर्व भी कहा जाता है। वैसे तो सम्पूर्ण भारत वर्ष में पर्व त्यौहार मनाये जाते हैं | लेकिन मिथिला में मनाये जाने वाले जितने भी पर्व...

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कुप्रथा पर हास्यलेख द्वारा चोट करते थे डा. हरिमोहन झा

हरिमोहन झा को मैथिलि सहिया जगत में ‘ हास्य और व्यंग के सम्राट ‘ के रूप में जाना जाता है | उनके मशहुर पात्र ‘खट्टर काका’ ने उन्हें बेहद प्रसिद्धि दिलाई थी | मैथिली साहित्य के इस  विशिष्ट , आधुनिक एवं...

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क्या कहा था भगवान् राम ने सिमरिया धाम के सन्दर्भ में !

सिमरिया धाम को हम कल्पवास मेले के रूप में जानते हैं | इस स्थान के सबसे नजदीक बड़ा स्टेशन बरौनी और बेगुसराय है जहां पर सभी रूटों की मेल एवं एक्सप्रेस गाड़ियां रुकती है | यहाँ से आप टैम्पो , बस एवं अन्य...

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भरवारा ग्राम निवासी गोनू झा थे बीरबल सरीखे मशहूर !

गोनू झा को सम्पूर्ण मिथिलांचल में बीरबल के नाम से पहचाना जाता है | जिस प्रकार बीरबल और तेनाली राम अपनी चतुराई और हाजिर जबाबी के लिए प्रसिद्ध हैं उसी तरह गोनू झा भी अपनी चतुराई और वाक्पटुता के लिए...

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क्यों मिथिलाचल की मशहूर लहठी इतिहास के पन्नो में हो जाएगी दफ़न ?

सम्पूर्ण मिथिलांचल में लहठी शुभ कार्यों में पहना जाता है | शादी-विवाह के मौकों से लेकर मिथिला के हर छोटे बड़े त्योहार आदि में लाह की बनी लहठी को पहनना बहुत ही शुभ माना जाता है| मिथिलांचल में नवविवाहिता...

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दरभंगा में है मुग़ल बादशाह बहादुरशाह ज़फर के पोते की कब्र !

बिहार के दरभंगा में अंतिम मुग़ल वारिस जुबैरुद्दीन गोरगन की कब्र हर मौत को शोहरत नसीब नहीं ,कुछ किरदार गुमनामी में दम तोड़ देतें है लगता है मानो ये शेर मुगल सल्तनत के अंतिम बादशाह बहादुर शाह जफर के पोते...

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